Homefestival specialहोली पर शानदार कविता: होली पर स्टेटस और शायरियां

होली पर शानदार कविता: होली पर स्टेटस और शायरियां

नमस्कार लेकर आ गया हूं होली पर एक खास कविता यह कविता समाज की सच्चाई को बड़े ही बेबाक अंदाज में बयां करती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे त्यौहारों की खुशियों के पीछे भी लोग अपनी असली फितरत छिपाए रहते हैं। रंग बदलने वाले लोग सिर्फ होली पर ही नहीं, बल्कि हर दिन अपने स्वार्थ के अनुसार चेहरे पर नया रंग चढ़ा लेते हैं।

गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले इंसान हर जगह मौजूद हैं—आज किसी के करीब, तो कल किसी और के। ईमानदारी और वफादारी अब सिर्फ नाम भर की चीजें रह गई हैं, जबकि नफरत और स्वार्थ समाज में गहरी जड़ें जमा चुके हैं।

त्यौहार, जो खुशियों और मेल-जोल का प्रतीक होते हैं, वहाँ भी लोग नकली मुस्कान और दिखावे के रंगों में रंगे नजर आते हैं। दिलों में नफरत रखते हुए, चेहरे पर गुलाल और रंगों की लाली लगाए घूमते हैं। लोग झूठी पहचान बनाने के लिए खुद को सजाते-संवारते हैं, लेकिन भीतर से हर कोई जल रहा होता है।

इस कविता का सबसे गहरा संदेश यही है कि रंग बदलने वाली दुनिया सिर्फ एक दिन होली नहीं मनाती, बल्कि हर दिन चेहरे पर नया रंग चढ़ा लेती है। इस बदलते समाज में सच्चाई और ईमानदारी की तलाश करना कठिन होता जा रहा है।

कविता की भावना और कटाक्ष दोनों ही इसे बेहद प्रभावशाली बनाते हैं।मैं आए दिन कुछ ना कुछ नया लिखता रहता हूं आप इसी तरह की शायरी कविताएं मेरी वेबसाइट http://wordsbykksb.com पर देख सकते हैं 🎭🎨

होली पर शानदार कविता

त्योहारों पर लोग इस तरह वक्त जाया करते हैं,
त्योहारों पर लोग इस तरह वक्त जाया करते हैं,
यह रंग बदलने वाले भी होली मनाया करते हैं।

गिरगिट से लोग हैं यहां, रंग बदलते फिरते हैं,
आज इसके, कल उसके, परसों किसी और पर मरते फिरते हैं।

ईमान बचा नहीं किसी में, वफा मिट्टी में मिल चुकी है,
हमदर्द कोई-कौई बचा है, नफरत हर कहीं खिल चुकी है।

रंगों के त्योहार को होली समझा जाता है,
शातिर दिमाग शक्ल को भोली समझा जाता है।

लोग भी कमाल करते हैं,
दिल नफरतों से काला हुआ है, और चेहरे रंगों से लाल करते हैं।

हर आदमी सूख चुका है हर किसी से जलकर,
और झूठी शक्ल बनाते हैं, हरा गुलाल मलकर।

एक-दूसरे की नफरतों से पिल पड़ा हुआ है चेहरा,
मगर चेहरे देखो सबके, तो पीले रंग का पहरा।

विश्वास नहीं होता किसी पर,
कब कौन कैसा रंग दिखाएगा,
रंग बदलते हर रोज ज़माना, बस एक दिन होली मनाएगा।

बस एक दिन होली मनाएगा… 🎭🎨

होली पर शानदार कविता

Tyoharon par log is tarah waqt jaya karte hain,
Tyoharon par log is tarah waqt jaya karte hain,
Yeh rang badalne waale bhi Holi manaya karte hain.

Girgit se log hain yahan, rang badalte phirte hain,
Aaj iske, kal uske, parso kisi aur par marte phirte hain.

Imaan bacha nahi kisi mein, wafa mitti mein mil chuki hai,
Hamdard koi-koi bacha hai, nafrat har kahin khil chuki hai.

Rangon ke tyohar ko Holi samjha jata hai,
Shaatir dimaag shakl ko bhooli samjha jata hai.

Log bhi kamaal karte hain,
Dil nafraton se kaala hua hai, aur chehre rangon se laal karte hain.

Har aadmi sookh chuka hai har kisi se jal kar,
Aur jhoothi shakal banate hain hara gulaal mal kar.

Ek doosre ki nafraton se pil pada hua hai chehra,
Magar chehre dekho sabke, toh peele rang ka pehra.

Vishwas nahi hota kisi par,
Kab kaun kaisa rang dikhayega,
Rang badalte har roz zamaana, bas ek din Holi manayega.

Bas ek din Holi manayega… 🎭🎨

****आशा करता हूं आपको मेरी यह कविता पसंद आई होगी आप इस ऑडियो फॉर्मेट में मेरे यूट्यूब https://www.youtube.com/@wordsbykksb पर भी सुन सकते हो बाकी कमेंट करके जरूर बताइएगा कि आपको मेरा यह कविता कैसी लगी।****

 

 

KKSB
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KKSB is a Writer/Storyteller/Vocalist Writing since 2018 on social media platforms. Having millions of people loving his content over streaming apps and other social media platforms. Many of his poetries goes viral over internet many times. His writeups contains - Hindi shayari, Hindi Poetry, Story Writing, Script writing, Quotes, Nazm, Song lyrics and creative writing.
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